व्यर्थ में पीड़ित रहो; परन्तु हर एक बात में प्रार्थना और मिन्नतों के द्वारा धन्यवाद के साथ अपनी बिनतियां परमेश्वर के साम्हने प्रगट की जाएं। और परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और मन को मसीह यीशु के द्वारा बनाए रखेगी।
परमेश्वर के राज्य के निर्माण के लिए धर्मी लोगों को तैयार करना।
व्यर्थ में पीड़ित रहो; परन्तु हर एक बात में प्रार्थना और मिन्नतों के द्वारा धन्यवाद के साथ अपनी बिनतियां परमेश्वर के साम्हने प्रगट की जाएं। और परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और मन को मसीह यीशु के द्वारा बनाए रखेगी।