आइए हम आपके लिए प्रार्थना करें

व्यर्थ में पीड़ित रहो; परन्‍तु हर एक बात में प्रार्थना और मिन्‍नतों के द्वारा धन्यवाद के साथ अपनी बिनतियां परमेश्वर के साम्हने प्रगट की जाएं। और परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और मन को मसीह यीशु के द्वारा बनाए रखेगी।

फिलिप्पियों 4:6-7, IV