Enos . की किताब
अध्याय 1
1 देखो, ऐसा हुआ कि मैं, एनोस, अपने पिता को जानता था, कि वह एक धर्मी व्यक्ति था: क्योंकि उसने मुझे अपनी भाषा में, और प्रभु के पालन-पोषण और चेतावनी में भी सिखाया ।
2 और उसके लिये मेरे परमेश्वर का नाम धन्य हो।
3 और अपके पापोंकी क्षमा पाने से पहिले मैं परमेश्वर के साम्हने जो मल्लयुद्ध किया था, उसके विषय में तुम को बताऊंगा;
4 देखो, मैं वन में पशुओं का अहेर करने को गया था; और जो बातें मैं ने अपके पिता को अनन्त जीवन और पवित्र लोगोंके आनन्द के विषय में बोलते हुए बार बार सुना था, वे मेरे हृदय में गहरे उतर गईं।
5 और मेरा जी भूखा हो गया; और मैं ने अपके कर्ता के साम्हने घुटने टेक दिए, और अपके प्राण के लिथे प्रबल प्रार्थना और बिनती करते हुए उस से दोहाई दी;
6 और मैं दिन भर उसकी दुहाई देता रहा; हां, और जब रात आई, तब भी मैंने अपनी आवाज ऊंची की, कि वह आकाश तक पहुंच गई ।
7 और मेरे पास यह शब्द निकला, कि एनोस, तेरे पाप क्षमा हुए, और तू आशीष पाएगा।
8 और मैं, एनोस, जानता था, कि परमेश्वर झूठ नहीं बोल सकता; इसलिए, मेरा अपराध बोध दूर हो गया।
9 और मैं ने कहा, हे प्रभु, यह कैसे किया जाता है?
10 और उस ने मुझ से कहा, तुम्हारे उस विश्वास के कारण जो मसीह में है, जिसे तुम ने पहले कभी न तो सुना और न देखा।
11 और उसके शरीर में प्रगट होने से पहिले बहुत वर्ष बीत जाएंगे; इसलिए, जा, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है।
12 अब, ऐसा हुआ कि जब मैंने इन शब्दों को सुना, तो मुझे अपने भाइयों, नफाइयों के कल्याण की इच्छा होने लगी; इसलिए, मैंने उनके लिए अपनी पूरी आत्मा परमेश्वर पर उंडेल दी ।
13 और जब मैं इस प्रकार आत्मा में संघर्ष कर रहा था, तो देखो, प्रभु का यह शब्द फिर मेरे मन में आया, कि,
14 मैं तेरे भाइयों के पास उनकी आज्ञाओं को मानने के यत्न के अनुसार सुमिरन करूंगा।
15 मैं ने उन्हें यह देश दिया है; और वह पवित्र भूमि है; और मैं उसे शाप नहीं देता, केवल अधर्म के कारण को छोड़;
16 इसलिथे मैं तेरे भाइयोंसे भेंट करूंगा; जैसा मैंने कहा है वैसा ही; और उनके अपराधों को मैं उनके सिर पर दु:ख के साथ उतारूंगा।
17 और जब मैं एनोस ने ये बातें सुनीं, तब मेरा विश्वास यहोवा पर अटल रहा; और मैंने अपने भाइयों, लमनाइयों के लिए कई लंबे संघर्षों के साथ उससे प्रार्थना की ।
18 और ऐसा हुआ, कि जब मैं ने प्रार्थना की, और पूरी लगन से परिश्रम किया, तब यहोवा ने मुझ से कहा, मैं तेरे विश्वास के कारण तेरी अभिलाषाओं के अनुसार तुझे दूंगा ।
19 और अब देखो, यही वह इच्छा थी जो मैंने उससे चाही थी: कि यदि ऐसा हो, तो मेरे लोग, नफाई, अपराध में पड़ जाएं, और किसी भी तरह से नष्ट हो जाएं, और लमनाइयों को नष्ट न किया जाए, कि प्रभु परमेश्वर मेरे लोगों, नफाइयों के अभिलेख को सुरक्षित रखेगा;
20 भले ही ऐसा हो, उसके पवित्र हाथ की शक्ति से, कि इसे भविष्य के किसी दिन, लमनाइयों के पास लाया जा सके, ताकि शायद उन्हें उद्धार के लिए लाया जा सके:
21 क्योंकि इस समय हमारा परिश्रम व्यर्थ है, और उन्हें सच्चे विश्वास की ओर फिर से लाना है।
22 और उन्होंने अपक्की जलजलाहट में यह शपय खाई, कि यदि हो सके तो वे हमारे और हमारे अभिलेखोंको नष्ट कर देंगे; और, साथ ही, हमारे पूर्वजों की सभी परंपराएं।
23 इसलिए, मैं जानता था कि प्रभु परमेश्वर हमारे अभिलेखों को सुरक्षित रखने में सक्षम था, मैं लगातार उसकी दुहाई देता रहा;
24 क्योंकि उस ने मुझ से कहा था, कि जो कुछ तुम विश्वास के साथ मांगोगे, इस विश्वास के साथ कि तुम मसीह के नाम से प्राप्त करोगे, वह तुम्हें मिलेगा।
25 और मुझे विश्वास था, और मैं ने परमेश्वर से दोहाई दी, कि वह अभिलेखों को सुरक्षित रखे;
26 और उसने मेरे साथ अनुबंध किया कि वह उन्हें अपने नियत समय में लमनाइयों के पास लाएगा ।
27 और मैं, एनोस, जानता था कि यह उस वाचा के अनुसार होगा जो उसने बान्धी थी; इसलिए, मेरी आत्मा ने आराम किया।
28 और यहोवा ने मुझ से कहा, तेरे पुरखाओं ने भी मुझ से यह मांग की है; और उनके विश्वास के अनुसार उनके साथ किया जाएगा, क्योंकि उनका विश्वास तेरे समान था।
29 और अब ऐसा हुआ, कि मैं, एनोस, नफी के लोगों के बीच, आने वाली बातों की भविष्यवाणी करने, और उन बातों की गवाही देने के लिए गया जो मैंने सुनी और देखी थीं ।
30 और मैं रिकॉर्ड करता हूं कि नफी के लोगों ने लमनाइयों को परमेश्वर में सच्चा विश्वास बहाल करने के लिए परिश्रमपूर्वक प्रयास किया ।
31 परन्तु हमारा परिश्रम व्यर्थ गया; उनका बैर स्थिर हो गया, और वे अपने दुष्ट स्वभाव के द्वारा चलाए गए, कि वे जंगली, और क्रूर, और रक्त के प्यासे हो गए; मूर्तिपूजा और गंदगी से भरा हुआ;
32 अहेर के पशुओं को चराना, और डेरों में रहना, और जंगल में भटकना, और कमर कसी हुई छोटी खाल, और सिर मुंडाए हुए; और उनका हुनर धनुष, और कुल्हाड़ी, और कुल्हाड़ी में था।
33 और उन में से बहुतों ने कच्चा मांस के सिवाय कुछ न खाया; और वे लगातार हमें नष्ट करने की कोशिश कर रहे थे।
34 और ऐसा हुआ कि नफी के लोगों ने प्रदेश में खेती की, और सभी प्रकार के अनाज, और फलों, और गाय-बैलों के झुंड, और सभी प्रकार के पशुओं, हर प्रकार के भेड़-बकरियों, और जंगली बकरियों को पाला। , और कई घोड़े भी।
35 और हमारे बीच में बहुत से भविष्यद्वक्ता थे।
36 और वे लोग हठीले लोग थे, जिन्हें समझना कठिन था।
37 और और कुछ न था सिवाय इसके कि वह बहुत ही कठोरता, युद्धों, और झगड़ों, और विनाशों का प्रचार, और भविष्यद्वाणी करना, और उन्हें निरन्तर मृत्यु, और अनंत काल की अवधि, और न्याय और परमेश्वर की शक्ति की याद दिलाता रहे;
38 और ये सब बातें उन्हें यहोवा के भय में रखने के लिथे निरन्तर उभारती हैं।
39 मैं कहता हूं कि इन बातों में कुछ भी कम नहीं था, और बड़ी सरलता से बोलने पर, उन्हें शीघ्रता से विनाश की ओर जाने से रोकेगा।
40 और मैं उनके विषय में इसी रीति से लिखता हूं।
41 और मैंने अपने दिनों के दौरान नफाइयों और लमनाइयों के बीच युद्ध देखे ।
42 और ऐसा हुआ कि मैं बूढ़ा होने लगा, और हमारे पिता लेही के यरूशलेम को छोड़ने के समय से एक सौ उनहत्तर वर्ष बीत चुके थे ।
43 और जैसा कि मैं ने देखा, कि परमेश्वर की शक्ति के कारण मुझे शीघ्र ही अपक्की कब्र पर जाना होगा, कि मैं इन लोगोंको प्रचार और भविष्यद्वाणी करूं, और उस सच्चाई के अनुसार जो मसीह में है, वचन का प्रचार करूं ।
44 और मैं ने अपके सब दिनोंमें उसका वर्णन किया है; और जगत से भी बढ़कर उस में आनन्द किया है।
45 और मैं शीघ्र ही अपके विश्रामस्थान को जो अपके छुड़ानेवाले के पास है चला जाता हूं; क्योंकि मैं जानता हूं, कि मैं उस में विश्राम करूंगा;
46 और मैं उस दिन का आनन्द करता हूं जब मेरा नश्वर अमरता पहिनकर उसके साम्हने खड़ा हो जाएगा; तब मैं उसका मुख प्रसन्नता से देखूंगा, और वह मुझ से कहेगा, हे धन्य मेरे पास आओ, तुम्हारे लिथे एक स्थान तैयार किया गया है मेरे पिता की हवेली में। तथास्तु।
शास्त्र पुस्तकालय: मॉर्मन की किताब
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