मीका

मीका

 

अध्याय 1

मूर्तिपूजा के लिए याकूब के विरुद्ध परमेश्वर का क्रोध।

1 यहूदा के राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनोंमें मोरास्ती मीका के पास यहोवा का वह वचन पहुंचा, जो उस ने शोमरोन और यरूशलेम के विषय में देखा।

2 हे सब लोगो, सुनो; हे पृथ्वी, और जो कुछ उस में है, उसकी सुन; और यहोवा परमेश्वर अपके पवित्र मन्दिर में से तेरे विरुद्ध साक्षी दे।

3 क्योंकि देखो, यहोवा अपके स्यान से निकलकर आया है, और उतरकर पृय्वी के ऊंचे स्थानोंपर रौंदेगा।

4 और पहाड़ उसके नीचे ढल जाएंगे, और तराईयां आग के साम्हने मोम की नाईं, और ढलवां जल गिराए जाने के जल की नाईं फट जाएंगी।

5 क्योंकि यह सब याकूब का अपराध, और इस्राएल के घराने के पापों का कारण है। याकूब का अपराध क्या है? क्या यह सामरिया नहीं है? और यहूदा के ऊंचे स्थान कौन से हैं? क्या वे यरूशलेम नहीं हैं?

6 इस कारण मैं शोमरोन को मैदान का ढेर, और दाख की बारी के पौधे के समान कर दूंगा; और मैं उसके पत्यरोंको तराई में उंडेल दूंगा, और उसकी नेवोंको खोज लूंगा।

7 और उसकी सब खुदी हुई मूरतोंको चकनाचूर कर दिया जाए, और उनकी सारी मजदूरी आग में झोंक दी जाए, और उनकी सब मूरतोंको मैं उजाड़ दूंगा; क्योंकि उस ने उसे वेश्या के भाड़े में से बटोर लिया, और वे वेश्या के भाड़े पर वापस आ जाएं।

8 इस कारण मैं जयजयकार और विलाप करूंगा, मैं नंगा और नंगा हो जाऊंगा; मैं अजगरों के समान विलाप करूंगा, और उल्लुओं के समान विलाप करूंगा।

9 क्योंकि उसका घाव लाइलाज है; क्योंकि वह यहूदा पर आ गया है; वह मेरी प्रजा के फाटक के पास यरूशलेम तक आया है।

10 गत में ऐसा न कहना, कि मत रोओ; अपरा के घराने में मिट्टी में लिपट जाओ।

11 हे सफीर के रहने वालो, अपक्की लज्जा को नंगा किए हुए चले जाओ; ज़ानान के निवासी बेत-एजेल के मातम में न निकले; वह तुझ से अपना पद ग्रहण करेगा।

12 क्योंकि मारोत के निवासी भलाई की बाट जोहते रहे; परन्तु बुराई यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक पर उतर आई।

13 हे लाकीश के निवासी, रथ को उस तेजतर्रार पशु से बान्ध ले; वह सिय्योन की बेटी के पाप की शुरुआत है; क्योंकि इस्राएल के अपराध तुझ में पाए गए।

14 इसलिथे मोरेशेतगात को भेंट देना; अकजीब के घराने इस्राएल के राजाओं के लिथे झूठ ठहरेंगे।

15 तौभी हे मारेशा के निवासी, मैं तेरे लिथे एक वारिस लाऊंगा; वह इस्राएल की महिमा अदुल्लाम के पास आएगा।

16 अपके कोमल बालकोंके लिथे गंजा कर, और अपके अपके अपके बालको के लिथे गूंथ ले; अपने गंजापन को उकाब की नाईं बढ़ाओ; क्योंकि वे तेरे पास से बन्धुआई में चले गए हैं।


अध्याय 2

अन्याय और मूर्तिपूजा की फटकार — बहाली का वादा।

1 हाय उन पर जो अधर्म की युक्ति करते हैं, और अपके बिछौने पर बुरे काम करते हैं! जब भोर का प्रकाश होता है, तो वे इसका अभ्यास करते हैं, क्योंकि यह उनके हाथ की शक्ति में है।

2 और वे खेतों का लालच करते हैं, और उपद्रव करके उन्हें ले लेते हैं; और घर, और उन्हें ले लो; इसलिथे वे मनुष्य और उसके घराने पर, वरन मनुष्य पर और उसके निज भाग पर भी अन्धेर करते हैं।

3 इसलिथे यहोवा योंकहता है; देख, मैं ने इस कुल के विरुद्ध एक ऐसी विपत्ति ठानी है, जिस में से तू अपना सिर न फेर लेना; न तो घमण्ड करना; इस समय के लिए बुराई है।

4 उस समय कोई तेरे साम्हने एक दृष्टान्त लेकर विलाप करेगा, और विलाप करेगा, और कहेगा, कि हम पूरी रीति से नाश हो जाएंगे; उसने मेरी प्रजा के भाग को बदल दिया है; उसने उसे मुझ से कैसे दूर किया है! उसने मुँह मोड़कर हमारे खेत बाँट लिए हैं।

5 इसलिथे तेरा ऐसा कोई न होना, जो यहोवा की मण्डली में चिट्ठी डालकर डोरी डाले।

6 भविष्यद्वाणी करने वालों से न कहना; वे उन से भविष्यद्वाणी न करें, कि वे लज्जित न हों।

7 हे याकूब के घराने का नाम रखनेवाले, क्या यहोवा का आत्मा कठोर हो गया है? क्या ये उसकी हरकतें हैं? क्या मेरे वचन सीधे चलने वाले का भला नहीं करते?

8 अब मेरी प्रजा शत्रु की नाईं उठ खड़ी हुई है; तुम उन लोगों के वस्त्र के साथ वस्त्र को उतार देते हो जो युद्ध से परहेज करते हैं।

9 मेरी प्रजा की स्त्रियोंको तुम ने अपके मनभावने घरोंमें से निकाल दिया है; उनकी सन्तान से तुम ने मेरी महिमा सदा के लिये छीन ली है।

10 उठ, और चल; क्योंकि यह तुम्हारा विश्राम नहीं है; क्योंकि वह अपवित्र है, वह तुझे घोर विनाश के साथ नाश करेगा।

11 यदि कोई आत्मा और झूठ पर चलता हुआ यह कहकर झूठ बोले, कि मैं तुझ से दाखमधु और मदिरा के विषय में भविष्यद्वाणी करूंगा; वह इन लोगों का भविष्यद्वक्ता भी ठहरेगा।

12 हे याकूब, तुम सब के सब मैं निश्चय इकट्ठा करूंगा; मैं इस्राएल के बचे हुओं को निश्चय इकट्ठा करूंगा; मैं उन्हें बोस्रा की भेड़-बकरियों की नाईं उनकी भेड़-बकरियों के बीच में इकट्ठी करूंगा; वे मनुष्यों की भीड़ के कारण बड़ा कोलाहल करेंगे।

13 तोड़नेवाला उनके साम्हने आ खड़ा हुआ है; वे टूट गए, और फाटक से होकर निकल गए, और उसके पास से निकल गए; और उनका राजा उनके आगे आगे चलेगा, और यहोवा उनके सिर पर विराजेगा।


अध्याय 3

हाकिमों की क्रूरता - भविष्यद्वक्ताओं का झूठ।

1 और मैं ने कहा, हे याकूब के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के हाकिमों, सुन, मैं तुझ से बिनती करता हूं; क्या न्याय को जानना तुम्हारे लिए नहीं है?

2 जो भलाई से बैर और बुराई से प्रीति रखते हैं; जो उन पर से उनका चमड़ा, और उनका मांस उनकी हड्डियों में से उतार देता है;

3 जो मेरी प्रजा का मांस भी खाते हैं, और उन से उनकी खाल उड़ाते हैं; और वे उनकी हड्डियोंको तोड़ते, और हण्डे के साम्हने, और हण्डे के मांस के समान टुकड़े टुकड़े करते हैं।

4 तब वे यहोवा की दोहाई देंगे, परन्तु वह उनकी न सुनेगा; उस समय वह उन से अपना मुंह फेर लेगा, क्योंकि वे अपके कामोंमें बुरा बर्ताव करते हैं।

5 यहोवा उन भविष्यद्वक्ताओं के विषय में यों कहता है, जो मेरी प्रजा को भटकाते, और दांत से डसते और दोहाई देते हैं, शान्ति; और जो कोई अपके मुंह में नहीं डालता, वे उस से युद्ध की तैयारी भी करते हैं;

6 इसलिथे तेरे लिथे रात होगी, कि तुझे दर्शन न मिलेगा; और तुम्हारे लिये अन्धियारा होगा, कि तुम दिव्य न हो; और नबियों पर सूर्य अस्त हो जाएगा, और दिन उन पर अन्धेरा होगा।

7 तब दर्शी लज्जित होंगे, और भविष्यद्वक्ता लज्जित होंगे; हां, वे सब अपने होठोंको ढांपे होंगे; क्योंकि परमेश्वर का कोई उत्तर नहीं है।

8 परन्तु सचमुच मैं यहोवा के आत्मा से, और न्याय और पराक्रम से परिपूर्ण हूं, कि याकूब को उसका अपराध, और इस्राएल को उसका पाप बताऊं।

9 हे याकूब के घराने के मुख्य मुख्य पुरूषों, और इस्राएल के घराने के हाकिमों, जो न्याय से घृणा करते हैं, और सब प्रकार के न्याय को बिगाड़ देते हैं, यह सुन।

10 वे सिय्योन को लोहू से, और यरूशलेम को अधर्म से दृढ़ करते हैं।

11 उसके प्रधान प्रतिफल के लिथे न्याय करते हैं, और उसके याजक भाड़े पर शिक्षा देते हैं, और उसके भविष्यद्वक्ता रुपए देकर उपदेश देते हैं; तौभी वे यहोवा पर भरोसा करके कहेंगे, क्या यहोवा हमारे बीच में नहीं है? कोई भी बुराई हम पर नहीं आ सकती।

12 इस कारण सिय्योन तेरे निमित्त खेत की नाईं जोता जाएगा, और यरूशलेम ढेर हो जाएगा, और भवन का पर्वत वन के ऊंचे स्थानोंके समान हो जाएगा।


अध्याय 4

इस्राएल की महिमा, शान्ति और विजय।

1 परन्तु अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और वह सब पहाड़ियों से ऊंचा किया जाएगा; और लोग उसके पास बहेंगे।

2 और बहुत सी जातियां आकर कहेंगी, आ, हम यहोवा के पर्वत पर, और याकूब के परमेश्वर के भवन पर चढ़ जाएं; और वह हमें अपके मार्ग की शिक्षा देगा, और हम उसके मार्गोंपर चलेंगे; क्‍योंकि व्‍यवस्‍था सिय्योन से, और यहोवा का वचन यरूशलेम से निकलेगा।

3 और वह बहुत से लोगोंका न्याय करेगा, और दूर की जातियोंको ताड़ना देगा; और वे अपक्की तलवारोंको पीटकर हल के फाल, और अपके भालोंको कांटोंके लिथे पीटेंगे; राष्ट्र राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठाएगा, और न ही वे युद्ध सीखेंगे।

4 परन्तु वे अपक्की अपक्की दाखलता और अंजीर के वृझ तले बिठाएं; और कोई उनको डराएगा नहीं; क्योंकि सेनाओं के यहोवा ने यह बात कही है।

5 क्योंकि सब लोग अपके अपके परमेश्वर का नाम लेकर चलेंगे, और हम अपके परमेश्वर यहोवा का नाम लेकर युगानुयुग चलते रहेंगे।

6 उस समय यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं रुकनेवालोंको इकट्ठा करूंगा, और जो निकाल दी गई हैं, और जो मैं ने दु:ख दी है, उसे मैं इकट्ठा करूंगा;

7 और मैं उसको, जो बचे हुओं का, और दूर से फेंक दी गई एक दृढ़ जाति को बना दूंगा; और यहोवा उन पर सिय्योन पर्वत पर अब से युगानुयुग राज्य करेगा।

8 और हे भेड़-बकरियोंके गुम्मट, हे सिय्योन की बेटी का दृढ़ गढ़, वह पहिली प्रभुता तेरे पास आएगा; राज्य यरूशलेम की बेटी के पास आएगा।

9 अब तू क्यों ऊंचे शब्द से चिल्लाता है; क्या तुझ में कोई राजा नहीं है? क्या तेरा परामर्शदाता नष्ट हो गया है? क्‍योंकि वेदनाओं ने तुझे एक स्त्री के समान कष्ट में लिया है।

10 हे सिय्योन की बेटी, दु:ख में, और प्रसव के लिथे परिश्रम करो, जैसे संकट में पड़ी स्त्री; क्‍योंकि अब तू नगर से निकलकर मैदान में बसा हुआ रहकर बाबुल को जा सकेगा; वहाँ तू छुड़ाया जाएगा; वहाँ यहोवा तुझे तेरे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएगा।

11 अब बहुत सी जातियां भी तेरे विरुद्ध इकट्ठी हो गई हैं, जो कहती हैं, कि वह अशुद्ध हो, और हमारी दृष्टि सिय्योन पर लगे।

12 परन्तु वे यहोवा के विचार नहीं जानते, और न उसकी युक्ति को समझते हैं; क्योंकि वह उन्हें पूलों की नाईं फर्श पर इकट्ठा करेगा।

13 हे सिय्योन की बेटी, उठकर ताड़ना; क्योंकि मैं तेरे सींग को लोहे का बनाऊंगा, और तेरे खुरोंको पीतल का बनाऊंगा; और तू बहुत से लोगों को चकनाचूर कर देगा; और मैं उनकी कमाई को यहोवा के लिथे, और उनकी सम्पत्ति को सारी पृथ्वी के यहोवा के लिथे पवित्र करूंगा ।


अध्याय 5

मसीह का जन्म - याकूब के अवशेष।

1 हे सिपाहियों की बेटी, अब अपने को सेना में इकट्ठा करो; उस ने हम को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर लाठी मारेंगे।

2 परन्तु हे बेतलेहेम एप्राता, चाहे तू यहूदा के हजारों में से छोटा हो, तौभी तुझ में से वह मेरे पास निकलेगा जो इस्राएल का प्रधान होगा; जिसका जाना आदिकाल से, सदा से होता आया है।

3 इसलिथे वह उनको उस समय तक छोड़ देगा, जब तक कि वह लहूलुहान न हो जाए; तब उसके बचे हुए भाई इस्राएलियों के पास लौट आएंगे।

4 और वह अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की महिमा के अनुसार यहोवा के बल पर खड़ा होकर भोजन करेगा; और वे बने रहेंगे; क्योंकि वह अब तक पृय्वी की छोर तक महान रहेगा।

5 और जब अश्शूर हमारे देश में आए, तब इसी को शान्ति मिले; और जब वह हमारे महलोंमें रौंदेगा, तब हम उसके विरुद्ध सात चरवाहे, और आठ प्रधान पुरूष खड़े करेंगे।

6 और वे अश्शूर के देश को, और निम्रोद के देश को उसके द्वारोंमें तलवार से उजाड़ देंगे; इस प्रकार वह हमें अश्शूरियों से छुड़ाएगा, जब वह हमारे देश में आएगा, और जब वह हमारी सीमाओं के भीतर चलेगा।

7 और याकूब के बचे हुए लोग यहोवा की ओर से बहुत से लोगोंके बीच उस ओस के समान होंगे, जो घास पर बरसती है, जो मनुष्य के लिये नहीं ठहरती, और न मनुष्य की सन्तान की बाट जोहती है।

8 और याकूब के बचे हुए लोग अन्यजातियोंमें से बहुत से लोगोंके बीच होंगे, जैसे वन के पशुओं में सिंह, और भेड़-बकरियोंके बीच जवान सिंह; यदि वह पार हो जाए, तो दोनों रौंदते और फाड़ डालते हैं, और कोई छुड़ा नहीं सकता।

9 तेरा हाथ तेरे द्रोहियों पर उठाया जाएगा, और तेरे सब शत्रु नाश किए जाएंगे।

10 और उस समय यहोवा की यह वाणी है, कि मैं तेरे घोड़ोंको तेरे बीच में से नाश करूंगा, और तेरे रथोंको नाश करूंगा;

11 और मैं तेरे देश के नगरोंको नाश करूंगा, और तेरे सब दृढ़ गढ़ोंको ढा दूंगा;

12 और मैं तेरे हाथ से जादू-टोने को नाश करूंगा; और तेरे भविष्यद्वाणी करनेवाले फिर न होंगे।

13 मैं तेरी खुदी हुई मूरतोंको, और तेरी खड़ी मूरतोंको तेरे बीच में से नाश करूंगा; और अपके हाथ के कामोंको फिर दण्डवत् न करना।

14 और मैं तेरे बीच में से तेरे उपवनोंको तोड़ डालूंगा; इस प्रकार मैं तेरे नगरोंको नाश करूंगा।

15 और मैं अन्यजातियों से बदला लेने के लिये क्रोध और जलजलाहट करूंगा, जैसा उन्होंने नहीं सुना।


अध्याय 6

परमेश्वर का अन्याय, अन्याय और मूर्तिपूजा के लिए विवाद।

1 अब तुम सुनो कि यहोवा क्या कहता है; उठ, पहाड़ों के साम्हने वाद-विवाद करना, और पहाडिय़ों को तेरा शब्द सुनाना।

2 हे पहाड़ों, यहोवा के विवाद, और हे पृय्वी की दृढ़ नेवों, सुनो; क्योंकि यहोवा का अपक्की प्रजा से विवाद है, और वह इस्राएल से बिनती करेगा।

3 हे मेरी प्रजा, मैं ने तुझ से क्या किया है? और मैं ने तुझे कहाँ पहिनाया है? मेरे खिलाफ गवाही दो।

4 क्योंकि मैं तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासोंके घराने में से तुझे छुड़ा लाया; और मैं ने मूसा, हारून और मरियम को तेरे आगे आगे भेज दिया।

5 हे मेरी प्रजा, अब स्मरण कर कि मोआब के राजा बालाक ने क्या सम्मति की, और बोर के पुत्र बिलाम ने शित्तीम से गिलगाल तक उसको क्या उत्तर दिया; कि तुम यहोवा की धार्मिकता को जान सको।

6 मैं यहोवा के साम्हने क्योंकर आऊं, और ऊंचे परमेश्वर के साम्हने दण्डवत् करूं? क्या मैं उसके साम्हने होमबलियों समेत एक वर्ष के बछड़ों समेत आऊं?

7 क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, वा तेल की दस हजार नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपके पहिलौठे को अपके अपराध के लिथे, अर्थात अपके प्राण के पाप के लिथे अपके देह का फल दूं?

8 उस ने तुझे दिखाया है, हे मनुष्य, क्या भला है; और यहोवा तुझ से क्या चाहता है, कि धर्म से काम करूं, और करूणा से प्रीति रखूं, और अपके परमेश्वर के संग नम्रता से चलता रहूं?

9 यहोवा का शब्द नगर की दोहाई देता है, और ज्ञानी पुरूष तेरे नाम का दर्शन करेगा; लाठी सुनो, और किस ने उसे ठहराया है।

10 क्या दुष्ट के घर में दुष्टता का भण्डार और घिनौना नाप अब तक है?

11 क्या मैं उन्हें दुष्ट तराजू, और छल करनेवाले तौलोंके साय शुद्ध गिनूं?

12 क्योंकि उसके धनवान लोग उपद्रव से भरे हुए हैं, और उसके निवासियोंने झूठ कहा है, और उनकी जीभ उनके मुंह से छल की है।

13 इसलिथे मैं भी तुझे मारूंगा, और तेरे पाप के कारण तुझे उजाड़ दूंगा।

14 तू खाएगा, परन्तु तृप्त न होगा; और तेरा फेंका जाना तेरे बीच में होगा; और तू थामे रहना, परन्तु उद्धार न करना; और जिसे तू छुड़ाएगा उसे मैं तलवार से दूंगा।

15 तू बोना, परन्तु न काटना; जैतून को रौंदना, परन्तु तेल से अभिषेक न करना; और मीठा दाखमधु, परन्तु दाखमधु न पीना।

16 क्योंकि ओम्री की विधियों, और अहाब के घराने के सब कामोंका पालन किया जाता है, और तुम उनकी युक्ति पर चलते हो; कि मैं तुझे उजाड़ दूं, और उसके रहनेवालोंको फूंक मारूं; इस कारण तुम मेरी प्रजा की नामधराई सहोगे।


अध्याय 7

सामान्य भ्रष्टाचार - मनुष्य पर नहीं, बल्कि ईश्वर पर भरोसा करें।

1 हाय मैं हूँ! क्योंकि जब वे ग्रीष्मकाल के फल इकठ्ठा करते हैं, तब मैं वैसा ही हूं जैसा बरगद के दाख की तुड़ाई करता हूं; खाने के लिए कोई क्लस्टर नहीं है; मेरी आत्मा ने पहला पका फल चाहा।

2 भला मनुष्य पृय्वी पर से नाश हो गया; और मनुष्यों में कोई सीधा नहीं है; वे सब लहू की बाट जोहते हैं; वे अपने भाई के हर एक को जाल से घात करते हैं।

3 जिस से वे दोनों हाथों से बुराई करें, राजकुमार पूछता है, और न्यायी बदला मांगता है; और महापुरुष, वह अपक्की धूर्त अभिलाषा कहता है; इसलिए वे इसे लपेटते हैं।

4 उन में से जो उत्तम है, वह बेर के समान है; जो सीधा खड़ा होता है, वह काँटेदार बाड़े से भी अधिक चोखा होता है; तेरे पहरुए का दिन और तेरे दण्ड का दिन आता है; अब उनकी उलझन होगी।

5 किसी मित्र पर भरोसा मत रखना, अगुवे पर भरोसा नहीं रखना; अपके मुंह के किवाड़ों को अपक्की गोद में रहने वाली से दूर रखना।

6 क्‍योंकि पुत्र पिता का अनादर करता है, बेटी अपक्की सास के विरोध में, और बहू अपनी सास के विरोध में उठती है; मनुष्य के शत्रु उसके अपने ही घर के लोग होते हैं।

7 इस कारण मैं यहोवा की ओर दृष्टि करूंगा; मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहूंगा; मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।

8 हे मेरे शत्रु, मेरे विरुद्ध आनन्दित न हो; जब मैं गिरूंगा, तब उठूंगा; जब मैं अन्धकार में बैठूंगा, तब यहोवा मेरे लिथे ज्योति ठहरेगा।

9 यहोवा का कोप मैं उठाऊंगा, क्योंकि मैं ने उस से तब तक पाप किया है, जब तक वह मेरा मुकद्दमा लड़कर मेरे लिथे न्याय न करे; वह मुझे ज्योति के सामने लाएगा, और मैं उसका धर्म देखूंगा।

10 तब जो मेरी शत्रु है वह उसको देखे, और जिस ने मुझ से कहा, तेरा परमेश्वर यहोवा कहां है लज्जित होगी? मेरी आंखें उसे निहारेंगी; अब वह सड़कों की कीच की नाईं कुचला जाएगा।

11 जिस दिन तेरी शहरपनाह बनाई जाएगी, उस दिन वह आज्ञा दूर की जाएगी।

12 उस समय भी वह अश्शूर से, और गढ़वाले नगरोंसे, और गढ़ से लेकर महानद तक, और समुद्र से समुद्र तक, और पहाड़ से पहाड़ तक तेरे पास आएगा।

13 तौभी उसके रहनेवालोंके कारण देश उनके कामोंके फल के लिथे उजाड़ हो जाएगा।

14 अपक्की प्रजा की लाठी, अर्यात् अपक्की निज भाग की भेड़-बकरियां, जो कर्म्मेल के बीच वन में एकान्त रहती हैं, चरा; वे बाशान और गिलाद में वैसे ही चराएँ जैसे प्राचीनकाल में थे।

15 तेरे मिस्र देश से निकलने के दिनोंके अनुसार मैं उसको अद्भुत वस्तुएं दिखाऊंगा।

16 जाति-जाति के लोग अपनी सारी शक्ति देखकर चकित होंगे; वे अपके मुंह पर हाथ रखेंगे, और उनके कान बहरे रहेंगे।

17 वे सर्प की नाईं धूलि चाटेंगे, और पृय्वी के कीड़ोंकी नाईं अपके गड्ढोंमें से निकल जाएंगे; वे हमारे परमेश्वर यहोवा से डरेंगे, और तेरे कारण डरेंगे।

18 तेरे तुल्य ऐसा परमेश्वर कौन है, जो अधर्म को क्षमा करे, और अपके निज भाग के बचे हुओं का अपराध करे? वह अपना कोप सदा तक स्थिर नहीं रखता, क्योंकि वह करूणा से प्रसन्न रहता है।

19 वह फिर जाएगा, वह हम पर दया करेगा; वह हमारे अधर्म के कामों को वश में करेगा; और तू उनके सब पापोंको समुद्र की गहराइयोंमें डाल देगा।

20 तू याकूब पर सत्य, और इब्राहीम पर करूणा करेगा, जिसकी शपय तू ने प्राचीनकाल से हमारे पुरखाओं से खाई है।

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