अमोस
अध्याय 1
अराम, पलिश्तियों, सोर, एदोम और अम्मोन पर परमेश्वर का न्याय।
1 आमोस के शब्द, जो तकोआ के चरवाहों में से थे, जो उस ने यहूदा के राजा उज्जिय्याह के दिनों में, और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, भूकंप से दो वर्ष पहले इस्राएल के विषय में देखे थे।
2 उस ने कहा, यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से अपना शब्द सुनाएगा; और चरवाहों के घर विलाप करेंगे, और कर्म्मेल की चोटी सूख जाएगी।
3 यहोवा यों कहता है; दमिश्क के तीन क्या, वरन चार अपराधोंके कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने गिलाद को लोहे के खलिहान से धावा दिया है;
4 परन्तु मैं हजाएल के भवन में आग भेजूंगा, जिस से बेन्हदद के भवन भस्म हो जाएंगे।
5 मैं दमिश्क के बेंड़े को भी तोड़ डालूंगा, और आवेन के तराई में के रहनेवालोंको, और जो राजदण्ड धरनेवाले को अदन के घराने में से नाश करे; और अराम के लोग बंधुआई में कीर को जाएंगे, यहोवा की यही वाणी है।
6 यहोवा यों कहता है; मैं गाजा के तीन अपराधों, वरन चार अपराधोंके कारण उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि वे सब बन्धुआई में ले गए, कि एदोम के हाथ में कर दें;
7 परन्तु मैं गाजा की शहरपनाह पर आग लगाऊंगा, जिस से उसके भवन भस्म हो जाएंगे;
8 और मैं अशदोद के रहनेवालोंको, और अशकलोन के राजदण्ड को पकड़नेवाले को नाश करूंगा, और मैं अपना हाथ एक्रोन पर फेरूंगा; और बचे हुए पलिश्ती नाश हो जाएंगे, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
9 यहोवा यों कहता है; सोर के तीन अपराधों, वरन चार अपराधोंके कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने सारी बन्धुआई में एदोम को दे दिया, और भाईचारे की वाचा को स्मरण न किया;
10 परन्तु मैं सोर की शहरपनाह पर आग लगाऊंगा, जिस से उसके भवन भस्म हो जाएंगे।
11 यहोवा यों कहता है; एदोम के तीन क्या, वरन चार अपराधोंके कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उस ने अपके भाई का तलवार से पीछा किया, और सब तरस खाया, और उसका कोप सदा के लिथे फूट पड़ा, और वह अपके कोप पर सदा बना रहा;
12 परन्तु मैं तेमान में आग लगाऊंगा, जिस से बोस्रा के भवन भस्म हो जाएंगे।
13 यहोवा यों कहता है; अम्मोनियों के तीन अपराधों, वरन चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने गिलाद की गर्भवती स्त्रियोंको फाड़ डाला है, कि वे उनका सिवाना बढ़ा दें;
14 परन्तु मैं रब्बा की शहरपनाह में आग लगाऊंगा, और वह उसके भवन भस्म कर देगी, और वह युद्ध के दिन ललकारते हुए, और बवंडर के दिन आँधी के झोंके से भस्म हो जाएगा;
15 और उनका राजा अपके हाकिमों समेत बंधुआई में जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
अध्याय 2
मोआब, यहूदा, और इस्राएल पर परमेश्वर का कोप — परमेश्वर उनके कृतज्ञ होने की शिकायत करता है।
1 यहोवा यों कहता है; मोआब के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उस ने एदोम के राजा की हडि्डयों को जलाकर चूने का काम किया;
2 परन्तु मैं मोआब में आग लगाऊंगा, और वह किर्योत के महलोंको भस्म कर देगी; और मोआब ललकार, और ललकारते हुए, और नरसिंगा के शब्द से मर जाएगा;
3 और मैं उसके बीच में से न्यायी को नाश करूंगा, और उसके सब हाकिमोंको उसके संग घात करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
4 यहोवा यों कहता है; यहूदा के तीन अपराधों, वरन चार अपराधोंके कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने यहोवा की व्यवस्था को तुच्छ जाना, और उसकी आज्ञाओं को नहीं माना, और जिस झूठ के कारण उनके पुरखा चले थे, उसी के अनुसार वे भटक गए हैं;
5 परन्तु मैं यहूदा में आग लगाऊंगा, और वह यरूशलेम के भवन भस्म कर देगी।
6 यहोवा यों कहता है; इस्त्राएल के तीन क्या, वरन चार अपराधोंके कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने धर्मी को चान्दी के लिथे, और कंगाल को जूतियोंके लिथे बेच दिया;
7 वह कंगालों के सिर पर पृय्वी की मिट्टी के पीछे पाँव पटकेगा, और नम्र लोगों के मार्ग को फेर दे; और एक पुरूष और उसका पिता एक ही दासी के पास मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करने को जाएंगे;
8 और वे हर वेदी द्वारा प्रतिज्ञा करने के लिए रखे गए कपड़ों पर खुद को लेटते हैं, और वे अपने भगवान के घर में निंदा की गई शराब पीते हैं।
9 तौभी मैं ने उनके साम्हने से एमोरी को नाश किया, जिसकी ऊंचाई देवदारोंके समान, और वह बांज वृक्षोंके समान दृढ़ था; तौभी मैं ने उसके फल को ऊपर से, और उसकी जड़ को नीचे से नाश किया।
10 और मैं तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया, और चालीस वर्ष तक जंगल में होकर तुम्हारी अगुवाई करता रहा, कि एमोरियोंके देश का अधिकारी हो।
11 और मैं ने तेरे पुत्रोंमें से भविष्यद्वक्ताओंके लिथे, और तेरे जवानोंमें से नासरी को जिलाया। हे इस्राएलियों, क्या ऐसा ही नहीं है? प्रभु कहते हैं।
12 परन्तु तुम ने नासरी को दाखमधु पिलाया; और भविष्यद्वक्ताओं को यह आज्ञा दी, कि भविष्यद्वाणी न करो।
13 देख, मैं पूलों से भरी गाड़ी की नाईं दबा हुआ हूं;
14 इस कारण भागना फुर्ती से नाश हो जाएगा, और बलवन्त अपक्की सेना को दृढ़ न करेगा, और न शूरवीर अपने आप को बचा सकेंगे;
15 और वह खड़ा न हो जो धनुष को उठाए; और जो फुर्तीला हो, वह अपके आप को न छुड़ाएगा; और जो घोड़े पर सवार हो वह अपके आप को न बचाएगा।
16 और जो शूरवीरोंमें साहसी हो, वह उस दिन नंगा भाग जाए, यहोवा की यही वाणी है।
अध्याय 3
इस्राएल के विरुद्ध परमेश्वर का न्याय — उसका कारण।
1 हे इस्त्राएलियों, यहोवा ने उस सारे घराने के विषय जिसे मैं मिस्र देश से निकाल लाया हूं, यह वचन सुन, कि यहोवा ने तेरे विरुद्ध कहा है,
2 मैं ने पृय्वी के सब कुलोंके विषय में केवल तू ही जाना है; इसलिथे मैं तेरे सब अधर्म के कामोंके लिथे तुझे दण्ड दूंगा।
3 क्या दो एक साथ चल सकते हैं, जब तक कि वे सहमत न हों?
4 क्या सिंह जंगल में गरजेगा, जब उसका कोई शिकार न होगा? क्या जवान सिंह अपनी मांद में से चिल्लाएगा, यदि उस ने कुछ न लिया हो?
5 क्या कोई पंछी पृथ्वी पर फन्दे में गिर सकता है, जहां उसके लिथे गिन न हो? क्या कोई पृय्वी पर से फन्दा उठाएगा, और कुछ न लिया होगा?
6 क्या नगर में नरसिंगा फूंका जाए, और लोग न डरें? क्या किसी नगर में विपत्ति होगी, और यहोवा ने उसे नहीं जाना?
7 निश्चय यहोवा परमेश्वर कुछ न करेगा, जब तक कि वह अपने दास भविष्यद्वक्ताओं पर भेद न खोल दे।
8 सिंह गरजता है, कौन नहीं डरेगा? यहोवा परमेश्वर ने कहा है, भविष्यद्वाणी के सिवा कौन कर सकता है?
9 अशदोद के महलों में, और मिस्र देश के महलों में प्रकाशित हो जाओ, और कहो, शोमरोन के पहाड़ों पर इकट्ठा हो, और उसके बीच में बड़े कोलाहल को देखो, और उसके बीच में दीन लोगों को देखो।
10 यहोवा की यह वाणी है, कि वे ठीक काम करना नहीं जानते, जो उनके महलोंमें उपद्रव और लूट का सामान रखता है।
11 इसलिथे परमेश्वर यहोवा योंकहता है; देश के चारोंओर एक विरोधी भी होगा; और वह तेरा बल तेरे पास से गिरा देगा, और तेरे भवन लूट लिए जाएंगे।
12 यहोवा यों कहता है; जैसे चरवाहा सिंह के मुंह से दो टांगें वा कान का एक टुकड़ा निकालता है; इस प्रकार इस्राएलियों को जो शोमरोन में बिछौने के कोने में, और दमिश्क में बिछौने पर रहते हैं, निकाल दिया जाए।
13 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, सुन, और याकूब के घराने में गवाही दे,
14 जिस दिन मैं इस्राएल के अपराधोंका उस पर दण्ड दूंगा, उस दिन मैं बेतेल की वेदियोंको भी देखूंगा; और वेदी के सींग काट डाले जाएंगे, और भूमि पर गिर जाएंगे।
15 और मैं जाड़े के घर को ग्रीष्मकाल के भवन से मिटा दूंगा; और हाथीदांत के घर नाश हो जाएंगे, और बड़े घरोंका अन्त हो जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
अध्याय 4
वह इस्राएल को अन्धेर करने, और मूर्तिपूजा के लिथे ताड़ना देता है।
1 हे बाशान के कुटुम्बियों, जो शोमरोन के पहाड़ पर हैं, जो कंगालों पर अन्धेर करते हैं, और दरिद्रों को कुचलते हैं, जो अपके स्वामियों से कहते हैं, ले आओ, हम पीए, यह वचन सुन।
2 यहोवा परमेश्वर ने अपक्की पवित्रता की शपथ खाई है, कि देखो, ऐसे दिन तुम पर आएंगे, कि वह तुम को कांटोंसे, और तुम्हारे वंश को मछली की कांटोंसे दूर कर डालेगा।
3 और अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके साम्हने खाटोंके पास जाना; और तुम अपके महलोंसे निकाल दिए जाओगे, यहोवा की यही वाणी है।
4 बेतेल में आकर अपराध करो; गिलगाल में अपराध बढ़ा; और हर भोर को अपके मेलबलि, और तीन वर्ष के बाद अपना दशमांश ले आना;
5 और धन्यवाद के बलिदान को खमीर समेत चढ़ा, और मुफ़्त की भेंटों का प्रचार और प्रचार कर; क्योंकि हे इस्राएलियों, तुम यों ही करते हो, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
6 इसलिथे मैं ने तेरे सब नगरोंमें तुझे दांत की शुद्धता, और तेरे सब स्थानोंमें रोटियोंकी कमी दी है; तौभी तुम मेरी ओर फिरे नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
7 और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब भी मैं ने तुम से मेंह को रोक रखा है; और मैं ने एक नगर में मेंह बरसा, और दूसरे नगर में मेंह न बरसाया; एक टुकड़े पर वर्षा हुई, और जिस टुकड़े पर वर्षा हुई वह सूख नहीं गया।
8 सो दो तीन नगर पानी पीने को एक ही नगर में फिरते रहे; लेकिन वे संतुष्ट नहीं थे; तौभी तुम मेरी ओर फिरे नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
9 मैं ने तुझे फूंक मारकर और फफूंदी से मारा है; जब तेरी बाटिकाएं और दाख की बारियां, और अंजीर के और जलपाई के वृक्ष बढ़ गए, तब ताड़ का कीड़ा उन्हें खा गया; तौभी तुम मेरी ओर फिरे नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
10 मैं ने तुम्हारे बीच मिस्र की नाईं मरी भेजी है; मैं ने तेरे जवानोंको तलवार से घात किया, और तेरे घोड़ोंको छीन लिया है; और मैं ने तेरी छावनी की सुगन्ध को तेरे नथनों तक आने के लिथे बनाया है; तौभी तुम मेरी ओर फिरे नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
11 जैसे परमेश्वर ने सदोम और अमोरा को उलट दिया, और तुम आग की चिंगारी के समान हो, जो आग की आग में से निकाल दी गई हो, वैसे ही मैं ने तुम में से कितने को उलट दिया है; तौभी तुम मेरी ओर फिरे नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
12 इसलिथे हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा करूंगा; और इसलिथे कि मैं तुझ से ऐसा करूंगा, हे इस्राएल, अपके परमेश्वर से भेंट करने की तैयारी कर।
13 क्योंकि देखो, जो पहाड़ोंको गढ़ता और वायु को उत्पन्न करता है, और मनुष्य को अपना विचार बताता है, कि भोर को अन्धेरा कर देता है, और पृय्वी के ऊंचे स्थानोंपर रौंदता है, सेनाओं का परमेश्वर यहोवा, उसका नाम।
अध्याय 5
इज़राइल के लिए एक विलाप - पश्चाताप के लिए एक प्रोत्साहन।
1 हे इस्राएल के घराने, इस वचन को जो मैं तेरे विरुद्ध करता हूं, सुन ले।
2 इस्राएल की कुँवारी गिर गई है; वह फिर न उठेगी; वह अपनी भूमि पर छोड़ी गई है; उसे उठाने वाला कोई नहीं है।
3 क्योंकि परमेश्वर यहोवा यों कहता है; जो नगर एक हजार से निकला हो, वह सौ और जो सौ से निकला हो, वह दस छोड़ इस्त्राएल के घराने के लिथे रहे।
4 क्योंकि यहोवा इस्राएल के घराने से यों कहता है, कि मुझे ढूंढ़ो तो तुम जीवित रहोगे।
5 परन्तु बेतेल को न ढूंढ़ना, और न गिलगाल में जाना, और न बेर्शेबा को जाना; क्योंकि गिलगाल निश्चय बंधुआई में जाएगा, और बेतेल नाश हो जाएगा।
6 यहोवा को ढूंढ़ो, तो तुम जीवित रहोगे; कहीं ऐसा न हो कि वह यूसुफ के घराने में आग की नाईं फूटे, और उसे भस्म करे, और बेतेल में कोई उसे बुझाने वाला न हो।
7 तुम जो न्याय को कड़वे की लकड़ी की ओर कर देते हो, और धर्म को पृथ्वी पर छोड़ देते हो,
8 उस को ढूंढ़ो जो सात तारे और ओरियन बनाता है, और मृत्यु की छाया को भोर कर देता है, और दिन को रात से अन्धकार कर देता है; जो समुद्र का जल मांगता है, और पृय्वी पर उंडेल देता है; उसका नाम प्रभु है।
9 वह लूटे हुओं को बलवानों के साम्हने बलवन्त करता है, और लूटा हुआ गढ़ पर चढ़ाई कर देता है।
10 वे उस से बैर रखते हैं, जो फाटक में डांटता है, और जो सीधा बोलता है उससे वे घृणा करते हैं।
11 सो क्योंकि तुम कंगालोंको रौंदते हो, और उस से गेहूँ का भार उठाते हो; तुम ने तराशे हुए पत्यरों के घर तो बनाए, परन्तु उन में रहने न पाओगे; तुम ने मनभावने दाख की बारियां लगाई हैं, परन्तु उनमें से दाखमधु न पीना।
12 क्योंकि मैं तेरे नाना प्रकार के अपराध और तेरे बड़े बड़े पापोंको जानता हूं; वे धर्मी को दु:ख देते हैं, वे घूस लेते हैं, और दरिद्रोंको फाटक में उनके दाहिनी ओर से दूर कर देते हैं।
13 इस कारण समझदार लोग उस समय चुप रहें; क्योंकि यह एक बुरा समय है।
14 बुराई की नहीं भलाई की खोज करो, कि तुम जीवित रहो; और इस प्रकार सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा, जैसा तुम ने कहा है।
15 बुराई से बैर और भले से प्रीति रखो, और फाटक में न्याय स्थिर करो; हो सकता है कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा यूसुफ के बचे हुओं पर अनुग्रह करे।
16 इसलिथे सेनाओं का परमेश्वर यहोवा योंकहता है; सब गलियों में विलाप होगा; और वे सब राजमार्गोंमें कहेंगे, हाय! अफसोस! और वे किसान को विलाप करने के लिथे बुलाएं, और जो विलाप करने में कुशल हों, वे विलाप करने में कुशल हों।
17 और सब दाख की बारियोंमें जयजयकार होगी; क्योंकि मैं तेरे बीच से होकर निकलूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
18 हाय तुम पर जो यहोवा के दिन के अभिलाषी हैं! यह तुम्हारे लिए किस छोर तक है? यहोवा का दिन अन्धकार है, न कि उजियाला।
19 मानो कोई सिंह के पास से भाग गया हो, और एक भालू उस से मिला हो; या घर में जाकर शहरपनाह पर हाथ टिका दिया, और सांप ने उसे डस लिया।
20 क्या यहोवा का दिन अन्धकार और उजियाला न होगा? बहुत अँधेरा भी, और उसमें कोई चमक नहीं?
21 मैं से बैर रखता हूं, मैं तेरे पर्वोंके दिनोंको तुच्छ जानता हूं, और तेरी महासभाओंमें मैं की सुगन्ध न आने दूंगा।
22 चाहे तुम मुझे होमबलि और अपके अन्नबलि चढ़ाओ, तौभी मैं उनको ग्रहण न करूंगा; और मैं तेरे मोटे पशुओं की मेलबलि पर ध्यान न दूंगा।
23 अपके गीतोंका कोलाहल मुझ से दूर कर; क्योंकि मैं तेरे उल्लंघन का माधुर्य नहीं सुनूंगा।
24 परन्तु न्याय जल की नाईं, और धर्म बड़ी धारा की नाईं बहे।
25 हे इस्राएल के घराने, क्या तुम ने जंगल में चालीस वर्ष तक मेरे लिथे मेलबलि और बलिदान चढ़ाए हैं?
26 परन्तु अपके मोलोक के निवासस्थान और अपक्की मूरतोंको क्युन, जो अपके देवता का तारा है, जो तू ने अपके लिथे बनवाया है, उठा लिया है।
27 इसलिथे मैं तुम को दमिश्क के पार बंधुआई में जाने दूंगा, यहोवा की यह वाणी है, जिसका नाम सेनाओं का परमेश्वर है।
अध्याय 6
इस्राएल की उच्छृंखलता - उनका उजाड़।
1 हाय उन पर जो सिय्योन में सुखी हैं, और शोमरोन के पहाड़ पर भरोसा रखते हैं, जो अन्यजातियों के प्रधान कहलाते हैं, जिनके पास इस्राएल का घराना आया था!
2 कलने के पास जाकर देखो; और वहां से तुम बड़े हमात को जाना; तब पलिश्तियोंके गत को जाओ; क्या वे इन राज्यों से बेहतर हैं? वा उनकी सीमा तेरी सीमा से बड़ी है?
3 तुम जो बुरे दिन को दूर करते, और उपद्रव के आसन को निकट लाते हो;
4 जो हाथी दांत के बिछौने पर लेटे हों, और अपक्की अपक्की खाटोंपर लेट जाएं, और भेड़-बकरियोंमें से भेड़ के बच्चे, और बछड़ोंको बीच में से खा जाएं;
5 और दाऊद के साम्हने जयजयकार करते, और दाऊद की नाईं अपने लिये वादन गढ़ते हैं;
6 जो कटोरे में दाखमधु पीते हैं, और मुख्य इत्रों से अपना अभिषेक करते हैं; परन्तु वे यूसुफ के दु:ख के कारण शोकित नहीं होते।
7 इसलिथे अब वे पहिले के संग बन्धुआई जाएं, जो बन्धुआई में जाएं, और जो पहिले बन्धुआई में हों उनका जेवनार दूर किया जाए।
8 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, यहोवा परमेश्वर ने अपक्की शपय खाई है, मैं याकूब के प्रताप से घृणा करता हूं, और उसके महलोंसे बैर रखता हूं; इसलिथे मैं उस में जो कुछ है सब समेत उस नगर को छुड़ा दूंगा।
9 और यदि एक ही घर में दस पुरूष बचे रहें, तो वे मर जाएं।
10 और किसी पुरूष का चाचा उसको अपके अपके अपके अपके संग रहनेवाले की हडि्डयां निकालने के लिथे अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके अपके संग भी ले ले? और वह कहेगा, नहीं। तब वह कहेगा, अपनी जीभ को थामे रखना; क्योंकि हम यहोवा के नाम का उल्लेख नहीं कर सकते।
11 क्योंकि देखो, यहोवा आज्ञा देता है, कि वह बड़े भवन को दरारोंसे, और छोटे घर को फांकोंसे मार डालेगा।
12 क्या घोड़े चट्टान पर दौड़ेंगे? क्या कोई वहाँ बैलों से हल जोतेगा? क्योंकि तुम ने न्याय को पित्त और धर्म के फल को हेमलॉक कर दिया है;
13 हे जो व्यर्थ की बात से आनन्दित होते हैं, जो कहते हैं, कि क्या हम ने अपके ही बल से सींग अपने पास नहीं लिए?
14 परन्तु देखो, हे इस्राएल के घराने, मैं तुम्हारे विरुद्ध एक जाति खड़ा करूंगा, सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है; और हमात के प्रवेश करने से लेकर जंगल के महानद तक तुझे दु:ख देंगे।
अध्याय 7
टिड्डे और आग को आमोस की प्रार्थना से हटा दिया जाता है - इज़राइल की अस्वीकृति।
1 यहोवा परमेश्वर ने मुझ पर ऐसा प्रगट किया है; और, देखो, उसने बाद की वृद्धि की शूटिंग की शुरुआत में टिड्डे बनाए; और, देखो, राजा की घास काटने के बाद यह बाद की वृद्धि थी।
2 और ऐसा हुआ, कि जब वे उस देश की घास खा चुके, तब मैं ने कहा, हे परमेश्वर यहोवा, क्षमा कर, मैं तुझ से बिनती करता हूं; याकूब किसके द्वारा उत्पन्न होगा? क्योंकि वह छोटा है।
3 और यहोवा ने याकूब के विषय में कहा, याकूब इसके लिथे मन फिराएगा, इसलिथे मैं उसका सत्यानाश न करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
4 यहोवा परमेश्वर ने मुझ पर ऐसा प्रगट किया है; और देखो, यहोवा परमेश्वर ने आग से लड़ने को बुलाया, और वह बड़ा गहिरा भस्म कर गया, और कुछ भाग खा गया।
5 तब मैं ने कहा, हे परमेश्वर यहोवा, रुक जा, मैं तुझ से बिनती करता हूं; याकूब किसके द्वारा उत्पन्न होगा? क्योंकि वह छोटा है।
6 और यहोवा ने याकूब के विषय में कहा, याकूब अपक्की दुष्टता से मन फिराएगा; इस कारण मैं उसका सत्यानाश न करूंगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
7 इस प्रकार उसने मुझे दिखाया; और देखो, यहोवा साहुल की बनाई हुई शहरपनाह पर खड़ा है, और उसके हाथ में साहुल की डोरी है।
8 और यहोवा ने मुझ से कहा, आमोस, तुझे क्या दिखाई देता है? और मैं ने कहा, एक साहुल रेखा। तब यहोवा ने कहा, सुन, मैं अपक्की प्रजा इस्राएल के बीच में साहुल खड़ा करूंगा; मैं फिर उनके पास से नहीं निकलूंगा;
9 और इसहाक के ऊंचे स्थान उजाड़ हो जाएंगे, और इस्राएल के पवित्र स्थान उजाड़ दिए जाएंगे; और मैं यारोबाम के घराने पर तलवार चलाकर चढ़ाई करूंगा।
10 तब बेतेल के याजक अमस्याह ने इस्राएल के राजा यारोबाम के पास यह कहला भेजा, कि आमोस ने इस्राएल के घराने के बीच में तुझ से षड्यन्त्र रचा है; देश उसके सब वचनों को सह नहीं सकता।
11 क्योंकि आमोस यों कहता है, यारोबाम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राएल निश्चय अपके ही देश में से बंधुआई में ले जाएगा।
12 फिर अमस्याह ने आमोस से कहा, हे दर्शी, जाकर यहूदा देश को भाग जा, और वहां रोटी खा, और वहां भविष्यद्वाणी कर;
13 परन्तु बेतेल में फिर भविष्यद्वाणी न करना; क्योंकि वह राजा का गिरजाघर है, और वह राजा का आंगन है।
14 तब आमोस ने अमस्याह से कहा, मैं न तो भविष्यद्वक्ता था, और न भविष्यद्वक्ता का पुत्र था; परन्तु मैं तो चरवाहा और गूलर के फल बटोरने वाला या;
15 और जब मैं भेड़-बकरियोंके पीछे हो लिया, तब यहोवा ने मुझे ले लिया, और यहोवा ने मुझ से कहा, मेरी प्रजा इस्राएल से भविष्यद्वाणी कर।
16 सो अब तुम यहोवा का वचन सुनो; तू कहता है, इस्राएल के विरुद्ध भविष्यद्वाणी न करना, और इसहाक के घराने के विरुद्ध अपना वचन न छोड़ना।
17 इसलिथे यहोवा योंकहता है; तेरी पत्नी नगर में वेश्या ठहरेगी, और तेरे बेटे-बेटियां तलवार से मारे जाएंगे, और तेरे देश का बटवारा होगा; और तू अपवित्र देश में मर जाएगा; और इस्राएल निश्चय अपके देश में से बन्धुआई में जाएगा।
अध्याय 8
ग्रीष्म फल की एक टोकरी - जुल्म ढाया जाता है - शब्द का अकाल।
1 यहोवा परमेश्वर ने मुझ पर ऐसा प्रगट किया है; और ग्रीष्म ऋतु के फलों की एक टोकरी देखो।
2 उस ने कहा, आमोस, तुझे क्या दिखाई देता है? और मैं ने कहा, ग्रीष्मकाल के फलों की एक टोकरी। तब यहोवा ने मेरे संग कहा, मेरी इस्त्राएलियोंका अन्त आ गया है; मैं अब उनके पास से नहीं गुजरूंगा।
3 और उस दिन मन्दिर के गीत गरजेंगे, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है; हर जगह बहुत लाशें होंगी; वे उन्हें चुपचाप फेंक देंगे।
4 यह सुन, हे दरिद्रों को निगल जाने वाले, देश के कंगालों को नाश करने के लिये,
5 यह कहते हुए, कि अमावस्या कब जाएगी, कि हम अन्न बेच सकें? और सब्त का दिन, कि हम गेहूँ उगाकर एपा को छोटा, और शेकेल को बड़ा करके, और छल को छल से मिथ्या ठहराते हैं?
6 कि हम कंगालों को चान्दी के बदले, और दरिद्रों को एक जोड़ी जूतों के लिथे मोल लें; हाँ, और गेहूँ का कूड़ा-करकट बेच दोगे?
7 यहोवा ने याकूब के महामहिम की शपथ खाई है, कि निश्चय मैं उनके किसी काम को कभी न भूलूंगा।
8 क्या इस कारण देश कांपने न पाएगा, और उसके रहनेवालोंके सब विलाप न करें? और वह जल प्रलय की नाईं ऊपर उठेगा; और वह मिस्र की जलप्रलय की नाईं फेंक दिया जाएगा और डूब जाएगा।
9 और उस दिन ऐसा होगा, कि परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं दोपहर के समय सूर्य को अस्त कर दूंगा, और निर्मल दिन में पृय्वी को अन्धेरा कर दूंगा;
10 और मैं तेरे पर्वोंको विलाप और तेरे सब गीतोंको विलाप कर दूंगा; और मैं सब कमर पर टाट, और सब सिरोंपर गंजा होऊंगा; और मैं उसके एकलौते पुत्र के शोक को, और उसके अन्त को कड़वे दिन के समान कर दूंगा।
11 देख, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आते हैं, कि मैं देश में ऐसा अकाल नहीं डालूंगा, कि न तो रोटी की, और न पानी की प्यास, परन्तु यहोवा के वचन सुनने के कारण;
12 और वे समुद्र से समुद्र की ओर फिरेंगे, और उत्तर से पूर्व तक यहोवा के वचन की खोज में इधर-उधर भागेंगे, और न पाएंगे।
13 उस दिन गोरी कुंवारियां और जवान प्यासे मर जाएंगे।
14 जो शोमरोन के पाप की शपय खाकर कहते हैं, कि हे दान, तेरा परमेश्वर परमेश्वर जीवित है; और बेर्शेबा की चाल जीवित रहती है; वे गिरेंगे, और फिर कभी न उठेंगे।
अध्याय 9
उजाड़ने की निश्चितता — दाऊद के तम्बू की पुनर्स्थापना।
1 मैं ने यहोवा को वेदी पर खड़ा देखा; और उस ने कहा, द्वार की चौखट पर ऐसा मार कि खम्भे हिल जाएं, और सब के सब सिरोंके टुकड़े टुकड़े कर दें; और मैं उनमें से अंतिम को तलवार से मार डालूंगा; जो उन में से भागे, वह न भागे, और न जो उन में से बचे, वह न बचाया जाए।
2 चाहे वे नरक में खोदें, तौभी मेरा हाथ उन्हें ले जाएगा; चाहे वे स्वर्ग पर चढ़ जाएं, तौभी मैं उन्हें वहीं से उतार दूंगा;
3 और चाहे वे कर्म्मेल की चोटी में छिप जाएं, तौभी मैं उन्हें ढूंढ़कर वहां से निकाल लूंगा; और चाहे वे मेरे साम्हने से समुद्र की तलहटी में छिप जाएं, तौभी मैं सांप को आज्ञा दूंगा, और वह उनको डसेगा;
4 और चाहे वे अपके शत्रुओं के साम्हने बन्धुआई में जाएं, तौभी मैं तलवार को आज्ञा दूंगा, और वह उन्हें घात करेगी; और मैं उन पर भलाई के लिथे नहीं, वरन बुराई के लिथे आंखें लगाऊंगा।
5 और सेनाओं का परमेश्वर यहोवा वह है जो देश को छूए, और वह गल जाएगा, और उसके सब रहनेवाले विलाप करेंगे; और वह जल प्रलय की नाईं ऊपर उठेगा; और मिस्र के जलप्रलय की नाईं डूब जाएगा।
6 वही है जो अपक्की कथाएं आकाश में बनाता, और अपक्की सेना को पृय्वी पर स्थिर करता है; वह जो समुद्र के जल को पुकारता है, और उन्हें पृय्वी पर उंडेल देता है; उसका नाम प्रभु है।
7 हे इस्राएलियों, क्या तुम मेरी दृष्टि में कूशियोंके समान नहीं हो? प्रभु कहते हैं। क्या मैं इस्राएल को मिस्र देश से निकाल नहीं लाया? और कप्तोर से पलिश्ती, और कीर से अरामी?
8 देख, यहोवा परमेश्वर की दृष्टि पापी राज्य पर लगी है, और मैं उसे पृय्वी पर से सत्यानाश कर डालूंगा; इसलिथे कि मैं याकूब के घराने को सत्यानाश न करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
9 क्योंकि देखो, मैं आज्ञा दूंगा, और इस्त्राएल के घराने को सब जातियोंमें ऐसे छानूंगा, जैसे अन्न छलनी में छान लिया जाता है, तौभी एक छोटा दाना भूमि पर गिरने न पाएगा।
10 मेरी प्रजा के सब पापी तलवार से मारे जाएंगे, जो कहते हैं, कि न तो विपत्ति हम पर पड़ेगी, और न हम को रोक सकेगी।
11 उस समय मैं दाऊद के गिरे हुए निवास को खड़ा करूंगा, और उसके बाड़ोंको बन्द कर दूंगा; और मैं उसके खण्डहरोंको दृढ़ कर दूंगा, और उन्हें प्राचीनकाल की नाईं बनाऊंगा;
12 कि वे एदोम के बचे हुओं के, और सब अन्यजातियोंके अधिकारी हों, जो मेरे कहलाते हैं, यहोवा जो ऐसा करता है, उसकी यही वाणी है।
13 देखो, ऐसे दिन आते हैं, कि यहोवा की यह वाणी है, कि हल चलाने वाला, और दाख काटने वाला, बीज बोने वाले को ले जाएगा; और पहाड़ मधुर दाखमधु गिराएंगे, और सब पहाड़ियां पिघल जाएंगी।
14 और मैं अपक्की इस्राएलियोंको बन्धुआई में फिर लाऊंगा, और वे उजड़े हुए नगर बनाकर उन में बसेंगे; और वे दाख की बारियां लगाकर उसका दाखमधु पीएंगे; वे बाटियां भी बनाएं, और उनका फल खाएं।
15 और मैं उनको उनके देश में लगाऊंगा, और वे अपके उस देश में से जो मैं ने उन्हें दिया है, फिर निकाले नहीं जाएंगे, तेरे परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
शास्त्र पुस्तकालय: बाइबिल का प्रेरित संस्करण
खोज युक्ति
एक शब्द टाइप करें या पूरे वाक्यांश को खोजने के लिए उद्धरणों का उपयोग करें (उदाहरण के लिए "भगवान के लिए दुनिया को इतना प्यार करता था")।

अतिरिक्त संसाधनों के लिए, कृपया हमारे देखें सदस्य संसाधन पृष्ठ।